दिल ही क्या जो मिलने की आरजू न करे, तुम्हें भूलकर जियूं यह खुदा न करे, रहे तेरी दोस्ती मेरी जिंदगी बनकर, यह बात और है जिन्दगी वफा न करे।
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दिल ही क्या जो मिलने की आरजू न करे, तुम्हें भूलकर जियूं यह खुदा न करे, रहे तेरी दोस्ती मेरी जिंदगी बनकर, यह बात और है जिन्दगी वफा न करे।